हठ योग के दौरान एनिमा करने की क्रिया को बस्ती क्रिया कहा जाता है। यह क्रिया उदर और मलाशय के शोधन की क्रिया होती है।
बस्ती क्रिया से आंतो से मल पूर्ण रूप से साफ हो जाता है। बस्ती क्रिया उदर सम्बन्धी बीमारियो को दूर करने में सहायक होती है। बस्ती क्रिया को शुरू में करना थोड़ा कठिन होता है, इसलिए इसे शुरू करने के लिए एक कुशल प्रशिक्षक कि उपस्थिति में ही इसे करना अच्छा होता है।
इसके नियमित अभ्यास से इसे करने से बहुत अधिक लाभ कि प्राप्ति होती है। बस्ती क्रिया को दो प्रकार से किया जाता है जल बस्ती और स्थल बस्ती।
बस्ती क्रिया का उद्देश्य शरीर से विष को हटाना और शरीर को ठंडा करना होता है। इस क्रिया को करने से नींद अच्छी आती है साथ ही आलस्य भी दूर हो जाता है। इस क्रिया द्वारा बवासीर जैसी बीमारी ठीक हो जाती है । जानते है
Basti Kriya कि विधि और उसके फायदे।
Basti Kriya in Hindi - आपको आरोग्यता प्रदान करने वाला योग
बस्ती क्रिया कि विधि
- इस क्रिया को करने के लिए एक टब लीजिये जिसमे आप आसानी से बैठ सके।
- पानी इतना होना चाहिए कि पानी नाभि तक पहुंच जाना चाहिए।
- इसे करने के लिए लकड़ी या अन्य वस्तु कि एक मुलायम नलिका ले। ध्यान रहे कि इसकी लम्बाई 4 से 5 इंच होनी चाहिए ताकि वह आसानी से गुदा द्वार में जा सके।
- इसके बाद उस टब में उत्कटासन में पंजो के बल बैठ जाए और उस नली को गुदा द्वार में फंसाकर उड्डियान बंध करते हुए अर्थात पेट के अन्दर खीचते हुए आंतो का आकुंचन करे।
- इसके बाद 1 सेकंड रुके और फिर से खीचे। ऐसा करने से पानी आंतो तक पहुँच जाता है।
- जब पानी आंतो में भर जाए तो नलिका को बाहर निकाल ले और साथ ही पेट को नौली क्रिया द्वारा 4 -5 बार दाये व बाये घुमाये।
- अब आंतो में भरे पानी को गुदा द्वार से बाहर निकाल दे ।
बस्ती क्रिया के फायदे
- वस्ति क्रिया के द्वारा वात, पित्त, कफ से सम्बंधित रोग दूर हो जाते है।
- यह चेहरे पर कांति लाता है और चमक को बढाता है।
- इस क्रिया द्वारा गंदी वायु बाहर निकलती है साथ ही कब्ज़ रोग ठीक हो जाता है।
- बस्ती क्रिया व्यक्ति को पूर्ण आरोग्यता देती है। यह शरीर की आयु और तेज को बढ़ाती है।
- यह क्रिया यौन कमज़ोरी को दूर करती है । साथ ही शारीरिक दुर्बलता को भी दूर करने में मदद करती है।
बस्ती क्रिया की सावधानी
- इस क्रिया को प्रशिक्षक कि उपस्थिति में ही करे।
- इस क्रिया को करने के लिए ऐसी नाली ले, जिसका एक सिरा मोटा व दूसरा पहले से हल्का पतला हो।
- पतले वाले भाग पर किसी घातु का छल्ला लगा दे और साथ ही पतले वाले हिस्से को ही गुदा मर्ग से अंदर डाले।