इस आधुनिक युग में योग को भी कई नए तरीको से किया जा रहा है| नए युग में कई सारे नए योग की उत्पत्ति हुयी है, इन्ही में से एक है गोट योगा|
गोट योगा लोगो में काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगेगा परन्तु योग का यह रूप बहुत ही फायदेमंद है।
अधिकांश योगा हम खुद से ही करते है लेकिन इस योग को बकरी के साथ किया जाता है| इसलिए इसे गोट योगा कहा जाता है। यह योग करने का एक प्राकृतिक तरीका है।
इस योगा की उत्पत्ति एल्बेनी से ताल्लुक रखने वाली लेनी मोर्से की देन है। इस योग का आरंभ मोर्से ने अपने छोटे से फार्म से किया था| आइये आज के लेख में हम विस्तार से जानते है की Goat Yoga क्या है और इसके फायदे क्या है?
Goat Yoga क्या है और इसे करने से आपको क्या फायदा मिलता है

कैसे हुई गोट योग की शुरुवात?
एक दिन मोर्से अपने फार्म में बच्चे का जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही थी। वहीं उसे उसकी मां ने सुझाव दिया कि वह चाहे तो यहां योगा क्लासेस को बढ़ावा दे सकती है|क्योंकि वह योगा क्लासेस की शुरुआत तो करना चाहती थी पर साथ ही साथ वह प्रकृति से भी जुडी रहना चाहती थी इसलिए उन्हें बकरियों के साथ योगा करने का ख्याल आया। और फिर धीरे धीरे लोगो का रुझान भी इस योगा की तरफ बढ़ने लगा और गोट योगा को करने के लिए काफी लोग आने लगे।
गोट योग कैसे करते है?
इसमें व्यक्ति को एक जगह पर योग करना होता है और साथ ही वहां पर छोटे कद की बकरियों को रखा जाता है। योगा करते समय से ये बकरियां व्यक्ति को चाटने लगती है या फिर उनके ऊपर भी चढ़ जाती है।गोट योगा के दौरान योगा करने वाले व्यक्ति के ऊपर बकरी का बच्चा या फिर बकरी उछलती है या फिर चलती है। इससे योगा करता हुआ व्यक्ति बकरी के साथ खेलने लगता है और खुद को प्रकृति के करीब महसूस करता है और कुछ देर के लिए सही लेकिन दुनिया के सारे तनाव से दूर हो जाता है।
इस योग को करने के फायदे क्या है
- डिप्रेशन, तनाव और फ्रस्ट्रेशन से शिकार लोगो के लिए गोट योगा असरदायक होता है।
- इसे करने से ख़ुशी मिलती है।
- मोर्से का कहना है की जो लोग तनाव से घिरे रहते है उनके लिए यह प्राकृतिक तरीके से तनाव से निजात दिलाता है।
- इसके अतिरिक्त जिन लोगों को किसी न किसी तरह का विकार होता है या फिर कोई शारीरिक कमी है वे भी इसकी सहायता ले सकते हैं।
मोर्से का अनुभव
मोर्से बताती है की जब वह आटोइम्यून डिस्आर्डर से गुजर रही थी तो वह समय काफी चुनौती भरा था। तब वह घर जाकर घंटों अपनी बकरियों के साथ रहती थी। उन बकरियों ने उनके जीवन में थैरेपी की तरह काम किया था। क्यूंकि वह दवाओं से भी ठीक नहीं हो पा रही थी। इसी कारण वह गोट योगा को बहुत महत्व देती है।अमेरिका में कई शहरों में बौनी प्रजाति की नाइजीरियाई बकरी पाई जाती है। यह बकरी आमतौर पर योग कक्षाओं में देखी जा सकती है।