जिस प्रकार जिम में कसरत करने से पहले वार्मअप कराया जाता है ठीक उसी प्रकार योगासन करने से पहले भी कुछ सक्षम आसन करना आवश्यक होता है।
क्यूंकि वार्मअप करने से जिस तरह कसरत में फायदा मिलता है उसी तरह योग के सक्षम आसन को करने से योग करते समय शरीर को कोई हानि नहीं होती है। साथ ही रक्त का संचार भी सही से होता है|
हम में से अधिकतर लोग सीधे योगासन करने लगते है जिसके कारण कभी कभी शरीर के कुछ अंग में मोच आ जाती है या फिर कुछ अंगो में सूजन भी हो जाती है इसलिए योगासन करने से पहले वार्मअप करना बहुत जरुरी होता है|
प्रतिदिन हम अपने जीवन में कई गतिविधिया हांथो से करते है। योग करते वक्त भी हाथो का बहुत इस्तेमाल होता है, इसलिए आज के लेख में हम आपको बता रहे है हांथो के लचीले पन और मजबूती के लिए Hand Yoga Warmup Exercise.
Hand Yoga Warmup Exercise: हाथो से किये जाने वाले सूक्ष्म वार्मअप

निचे दिए गए हर सूक्ष्म आसन को करने से पहले यह स्टेप्स फॉलो करे:-
- पैरों को सीधा करके बैठे।
- हांथो और कुहनियो को सीधा कर पैरो के ऊपर और समान्तर रखे साथ ही कंधो में भी उचाई रखे|
- हाथो के तलवे धरती की तरफ रहने चाहिए|
- गर्दन ,पीठ और हाँथ सीधे रखिये।
- इसके बाद आँखे बंद करले और सारे शरीर को शिथिल महसूस करे|
मुट्ठिया कसकर बांधना: इसे मुष्ठीका बंधन कहते है।
मुष्ठीका बंधन करने के विधि
- दोनों हांथो को सीधा रखिये। फिर दोनों हांथो की उंगलियों को तान देते हुए कड़ा कीजिये।
- इस तरह से तानिये ताकि वे एक दूसरे से दुरी बना सके।
- इसके बाद साँस लेते हुए अपने अंगूठे को अंदर ले जाये और मुष्टिका बांध ले|
- इस स्थिति में अधिकतम कसाव होना चाहिए जिससे की यह फेफड़ो को भी प्रभवित करेगा।
- इस प्रक्रिया को लगभग 10 बार दोहराये। इसके अभ्यास के दौरान आप इसकी संख्या को बडा भी सकते है।

कलाई मोड़ना : इसे मणिबंध नमन कहते है।
मणिबंध का मतलब होता है कलाई। अँगुलियों की सूक्ष्म गति विधियों के उपरांत उन्हें आधार देने का काम कलाई का होता है|करने के विधि
- प्रारंभिक स्थिति में बैठ जाये फिर हांथो को कंधे की उचाई में रखते हुए मुष्टिका बंधन करे।
- इसके बाद पांचो उँगलियों को मिलाकर हथेलियों को बंद कर ले। इसमें उँगलियों की दिशा धरती की तरफ होगी।
- पूरक करते हुए अब हथेलियों की कलाई की तरफ घुमाये। फिर पुरे हाँथ में इस तरह को जोर लगाइये की आप पूरी ताकत से किसी चीज को दवा रहे है।
- इस प्रक्रिया को भी 10 बार करे।

कलाई घुमाया - मणिबंध चक्र
- प्रारंभिक स्थिति में बैठ कर दोनों पैरों को सामने की तरफ कर ले।
- अब दोनों हांथो को कंधो की सीध में पैरों के समान्तर सीधे रखे और मुट्ठिया कसी हुई होनी चाहिए।
- पूरक करने के बाद अंत कुम्भक के साथ मुट्ठियों को बाहर की दिशा में वृताकार घुमाये। इसके बाद रेचक करे|
- इसे अब विपरीत दिशा में करे। इसे 10 से 20 बार करे|

कंधो को घूमना - द्विस्कन्ध चक्र
- प्रारंभिक स्थिति में बैठ जाये। हांथो की कुहनियो को मोड़कर उँगलियों से कंधो को स्पर्श करे।
- अब पूरक करके अंत कुम्भक के साथ दोनों कुहनियो को वृताकार दिशा में घुमाये। फिर रेचक करे।
- उसके पश्चात इसे विपरीत दिशा में भी करे।
- दोनों दिशा में कम से कम 10 बार करे|
