पुराने ज़माने में ऋषि मुनि प्रार्थना और ध्यान करने के लिए एकांत में कई आसनो का अभ्यास करते थे। उन आसनो में से एक है हरिका आसन।
यह आसन ऋषि मुनियों के द्वारा किया जाता आ रहा है।क्योंकि यह आसन पूजा अर्चना, प्रार्थना और ध्यान के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। हरिकासन ज्यादा समय तक एक ही स्थान पर बैठने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए ऋषि मुनि इस आसन का विशेष अभ्यास करते थे।
इस आसन को आप अपनी सुविधानुसार सुबह और शाम को कर सकते है। भोजन को अच्छी तरह से पचाने का कार्य हरिकासन के द्वारा किया जा सकता है।हरिकासन विशेषकर पेट को स्वस्थ और साफ रखता है।
पेट को स्वस्थ रखने के अतिरिक्त यह आसन सायटिका की समस्या के लिए भी बहुत ही लाभकारी होता है। इसे करने के बहुत सारे फायदे है यदि आप भी इसका अभ्यास करने के इक्छुक है तो जानिए Harikasan Yoga करने की विधि के बारे में ।
Harikasan Yoga in Hindi: जानिए इसके लाभ, विधि और सावधानिया

हरिकासन को करने की विधि
- किसी समतल स्थान पर कंबल या योग मेट बिछा ले और उस पर बैठ जाए।
- इसके बाद अपने दोनों पैरों को घुटनों के पास से मोड़ ले और उन्हें नितम्ब के पीछे की तरफ ले जाए।
- साथ ही अपने पंजों को आसन के समान बना कर उसके ऊपर बैठ जाए।
- इसके बाद आपस में घुटनों को मिला ले और अपने हाथों की हथेलियों को घुटनो पर रखे, ध्यान रखे की आपके हाथ सीधे रहे ।
- साथ ही छाती, सिर, गर्दन और पीठ को भी एकदम सीधा रखें।
- इस अवस्था में सांसों को सामान्य रखे।
- आपको बता दे की इस आसन की कोई निर्धारित समय सीमा नहीं होती है, आप अपनी क्षमता अनुसार जितना चाहे बैठ सकते है।
हरिकासन को करने के फायदे
- हरिकासन को भोजन के बाद भी कर सकते है।
- हरिकासन को नियमित रूप से करने पर यह पैरो की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- पाचन क्रिया को सुचारु रूप से चलाने में हरिकासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- इस आसन को करने से पेट में होने वाली एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो जाती है।
- हरिकासन के द्वारा घुटने तथा रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।