हम सभी जानते है की आजकल हमारा खान-पान कितना बदल गया है| संतुलित, स्वस्थ एवं घर का खानपान छोड़कर हम बाहर के खाने को प्राथमिकता देने लगे है| बाहर मिलने वाला अधिकतर खाना स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं होता है| साथ ही साथ व्यस्त जीवनशैली के चलते जो भी खाते है वो भी समय पर नहीं हो पाता है|
खान-पान में अनियमितता सही नहीं होती है| हम आपको बता दे की यह पेट की कई परेशानिया होने के पीछे जिम्मेदार है| गलत और अनियमित खानपान के चलते कब्ज, एसिडिटी, अपचन जैसी समस्या से दो चार होना पढता है|
उम्र के बढ़ने के साथ साथ हमारा पाचन तंत्र कमजोर होता है, जिससे यह समस्या बढ़ जाती है| यहाँ तक की यदि आपकी उम्र कम भी है और आपको बिलकुल भी व्यायाम या फिर कोई भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते है तो इससे भी आपका पाचन-तंत्र उतना सक्रिय नहीं रह पाता है| इन्ही सभी चीजों को ठीक करने के लिए मलासन का अभ्यास फायदेमंद है| आइये जानते है Malasana Yoga in Hindi.
Malasana Yoga in Hindi: जानिए मलासन की विधि, लाभ और सावधानी

कई बार कब्ज की शिकायत लगातार बने रहने, या पेट दर्द के मामले में हम डॉक्टर की राय ले लेते है| वो समस्या तब के लिए ठीक तो हो जाती है, लेकिन फ्यूचर में ऐसा नहीं होगा इस बात की कोई गारंटी नहीं है| आपका पाचन यदि कमजोर है तो यह दिक्कत आपको फिरसे होगी|
इसलिए आपको मलासन का अभ्यास करना चाहिए| यह आपके पेट के विकारों को दुर कर आपको एक नयी स्फूर्ति देता है| मलासन का अर्थ होता है मल त्याग करते समय जिस आसन में हम बैठते है उसे ही मलासन कहते हैं| इसे Garland Pose भी कहा जाता है|
Garland Pose Steps: मलासन की विधि
- मलासन करने के लिए सर्वप्रथम दोनों घुटनों को मोड़ ले और मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठ जाएं|
- अपनी दाये हाथ की कांख को दाये घुटने पर टिकाये और बाये हाथ की कांख को बाये घुटने पर टिकाये|
- चित्र में दिखाए अनुसार अपने हाथो से नमस्कार की मुद्रा बनाये|
- अब धीरे-धीरे सांस ले और छोड़े, आपको कुछ देर इसी अवस्था में बैठे रहना है|
- उपरोक्त स्थिति में कुछ देर तक रहे फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- धीरे धीरे इस मुद्रा को करने का समय बढ़ाये|
Malasana Benefits: मलासन के लाभ
- इस आसन में बैठने से आपके पेट एवं कमर को काफी फायदा पहुचता है|
- इसे नियमित तौर पर करने से कब्ज़, गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कते ठीक होती है|
- यह आपके पेट के विकारों को दूर करता है| साथ ही इससे अब्डोमिनल नसों को भी मजबूती मिलती है|
- यदि रोज इसका अभ्यास किया जाये तो कमर, घुटने, मेरुदंड की मांसपेशिया लचीली बनती है और दर्द से भी छुटकारा मिलता है|
- जिससे कि पेट में तनाव उत्पन्न होता है एवं पेट का दर्द भी काफी हद तक कम हो जाता है|
- मलासन से घुटनों, जोड़ों, पीठ और पेट का तनाव खत्म होकर उनका दर्द मिटता है
- इससे पेट की चर्बी भी कम होती है| यदि आप सपाट पेट पाना चाहते है तो इसे जरुर करे|
मलासन के पहले किये जाने वाले आसन
- बद्ध कोणासन
- उपविसथा
- कोणासन
मलासन के बाद किये जाने वाले आसन
- उत्तानासन
- अधो मुखा स्वानासन
- भुजंगासन