योग के महत्व के बारे में तो हम सब जानते है| योग के हर एक आसान से शरीर को लाभ मिलते है| जैसे वक्रासन करने से पेट की चर्बी घटती है| अनुलोम विलोम आसान करने से पेट के विकार दूर होते है| उसी तरह पश्चिमोत्तानासन आसन को करने के भी बेहद फायदे है| यह बैठकर किया जाने वाला योग आसान है|
यह आसान शीर्षासन के बाद किया जाता है| यह शीर्षासन से मिलता जुलता आसान ही है| इस आसान क्रिया को करते वक्त पैर, मेरूदंड, घुटनों के नीचे के नस और कमर योगदान देते है| जब कभी भी शरीर बहुत थका हुआ हो तब यह आसान करना बेहद ही लाभप्रद होता है|
पश्चिमोत्तानासन आसान में पश्चिम शब्द से तात्पर्य है पीछे का भाग याने की पीठ| इस आसान को करते वक्त पीठ में खिंचाव उत्पन्न होता है| इसलिए इस योगासन को पश्चिमोत्तानासन कहा गया है| इस आसान को महत्वपूर्ण और आव्यशक आसनो में से एक माना गया है| इसे करने से शरीर की सारी मांशपेशियों पर खिंचाव बनता हैं| यहाँ तक की कुण्डिलिनी जागरण विधि में भी इसका बहुत महत्व है| इससे मेरूदंड में लचक आती है और रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।
इस आसान को करने से बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है| इसके अलावा इसे करने के और भी कई फायदे है| तो आइये जाने Paschimottanasana Benefits in Hindi.
Paschimottanasana Benefits in Hindi- पश्चिमोत्तानासन के लाभ

- पश्चिमोत्तानासन पेट के कई रोग जैसे कब्ज, गैस की समस्या आदि में लाभदायक है|
- यह आसान मोटापे को घटाने और नितम्बों को सुडौल बनाने में मददगार है|
- इसे करने से बौनापन दूर होता है और यह बवासीर आदि रोगों में भी लाभकारी है।
- इस आसान के नियमित अभ्यास से गुर्दे की पथरी दूर होती है|
- यह योग क्रिया बालो के लिए भी फायदेमंद है| यह बालो को कला व घना बनाने में मददगार है|
- जो लोग अपने पेट की चर्बी को कम करना चाहते है, उन्हें यह आसान जरूर करना चाहिए|
- पश्चिमोत्तानासन शरीर में मौजूद तनाव और थकान को कम करता है| इसे करने से शरीर को ताजगी मिलती है|
- नाभि टलने की हालत में इस आसन को करने से बड़ा लाभ होता है| इस आसन को करने से शरीर में लचीलापन आता है|
- Benefits of Paschimottanasana कई है| इसे करने से हृदय अपना काम ठीक तरह करने लगता है जोड़ों का दर्द, मधुमेह और स्त्रियों के गर्भाश्य सम्बन्धी रोगों में यह आसन बेहद लाभकारी है|
- पश्चिमोत्तानासन करने से शरीर में खून का बहाव सुचारू रूप से होता है। नतीजनत् शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है और शरीर स्फूर्तिदायक और स्वस्थ बनता है।
- जिस व्यक्ति को बहुत क्रोध अधिक आता है, उसे इस आसान को करने के बाद क्रोध पर नियंत्रण करने की क्षमता बढ़ जाती है और आत्मिक शांति भी मिलती है|
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पश्चिमोत्तानासन करने की विधि:
- इस आसान को करने के लिए पहले जमीं पर दरी बिछादे| अब दरी पर पीठ के बल लेट जाएं|
- दोनों पैरों को आपस में मिलाकर रखें और अपने पूरे शरीर को बिल्कुल सीधा तान कर रखें।
- अब दोनों हाथों को सिर की ओर ऊपर जमीन पर टिकाएं। सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं|
- झटके के साथ कमर के ऊपर के भाग को उठा लें, और सांस छोड़ते हुए कमर से पैरों की ओर झुकें एवं हाथों से तलवों को पकड़ने की कोशिश करे|
- यदि Paschimottanasana Yoga Pose को लेट कर करने में परेशानी महसूस हो रही है, तो आप इसे बैठ कर भी कर सकते है| इस आसान को करते समय पेड़ू को जंघा से सटाएं| इसे करते वक्त गर्दन और कंधों में तनाव न हो इस बात का ख्याल रखना भी जरुरी है|
- अब ऐड़ियों को आगे की और बढ़ाएं और शरीर के ऊपरी भाग को पीछे की ओर ले जाने की चेष्टा करते हुए आगे की ओर झुकें|
- इस मुद्रा में 15 सेकेंड से 30 सेकेंण्ड तक बने रहें| फिर वापिस इस क्रिया को दोहराये| इस आसान को सिर्फ 3 बार ही करे| आप चाहे तो 1 बार इस क्रिया को करने के बाद 10 सैकेंड का आराम ले सकते है|